स्वामी विवेकानन्द ग्रुप आफ इन्स्टीट्यूशन रिठिया में आयोजित "युवा दिवस" कार्यक्रम का समापन

स्वामी विवेकानन्द ग्रुप आफ इन्स्टीट्यूशन रिठिया में आयोजित “युवा दिवस” कार्यक्रम का समापन

Basti (Uttar Pradesh) युवा दिवस के उपलक्ष्य मे तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम में स्वामी विवेकानन्द ग्रुप आफ इन्स्टीट्यूशन रिठिया में आयोजित “युवा दिवस” कार्यक्रम के समापन के अवसर पर मुख्य अतिथि विधायक अजय सिंह ने माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने अपने संबोधन मे कहा कि स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में एक कायस्थ परिवार में हुआ था। उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। उनके पिता विश्वनाथ दत्त कलकत्ता हाईकोर्ट में एक प्रसिद्ध वकील थे। उनकी मां भुनवेश्वरी देवी गृहिणी थीं। विवेकानंद के दादा दुर्गाचरण दत्त संस्कृत और फारसी के ज्ञाता थे। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के संपर्क में आने के बाद विवेकानंद ने अपना परिवार 25 साल की उम्र में ही छोड़कर सन्यास ले लिया था। माना जाता है कि वो बचनप से ही कुशाग्र बुद्धि और नटखट थे। इसी के साथ वो धार्मिक विचारधारा वाले थे, हर दिन के नियम में उनके पूजा-पाठ शामिल था। विवेकानंद की माता धार्मिक प्रवृत्ति की थीं जिस कारण उन्हें पुराण, रामायण, महाभारत आदि की कथा सुनने का बहुत शौक था। परिवार के धार्मिक और आध्यात्मिक वातावरण का प्रभाव बाल नरेंद्र के मन में बचपन से ही ईश्वर को जानने और उसे प्राप्त करने की लालसा दिखाई देती थी।

विशिष्ट अतिथि महेश शुक्ल उपाध्यक्ष गो सेवा आयोग उत्तर प्रदेश राज्य दर्जा प्राप्त मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि सन् 1871 में, आठ साल की उम्र में विवेकानंद ने ईश्वर चंद्र विद्यासागर के मेट्रोपोलिटन संस्थान में दाखिला लिया। 1877 में उनका परिवार रायपुर चला गया। 1879 में कलकत्ता में अपने परिवार की वापसी के बाद वह एकमात्र छात्र थे जिन्होनें प्रसीडेंसी कॉलेज प्रवेश परीक्षा में प्रथम डिवीजन अंक प्राप्त किए। दर्शन, धर्म, इतिहास, सामाजिक विज्ञान, कला और साहित्य सहित विषयों में अधिक रुचि थी। नरेंद्र को भारतीय शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षित किया गया था। विवेकानंद ने पश्चिमी तर्क, पश्चिमी दर्शन और यूरोपीय इतिहास का अध्ययन जनरल असेंबली इंस्टिटूशन में किया था। 1884 में उन्होनें स्नातक की डिग्री प्राप्त की। स्वामी रामकृष्ण परमहंस के देहांत के बाद स्वामी विवेकानंद ने पूरे देश में रामकृष्ण मठ की स्थापना की थी। इस अवसर पर विद्यालय के प्रबंधक सत्य प्रकाश सिंह,डाक्टर हनुमान सिंह,मनोज चतुर्वेदी, एमएलसी देवेन्द्र प्रताप सिंह,पूर्व विधायक अंबिका सिंह, कृष्ण चंद्र सिंह, गोपेश पाल, विद्यालय के निदेशक डॉक्टर प्रदीप पाण्डेय, प्रहलाद सिंह, पवन कुमार सिंह, मो०आलम व प्रमोद पाण्डेय समेत तमाम लोग मौजूद रहे।

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