Basti (Uttar Pradesh) शनिवार की खिली धूप के बाद रविवार सुबह से आसमान में बादल छाए रहे और बूंदाबांदी ने ठंड को और बढ़ा दिया। इस मौसमी बदलाव ने जहां किसानों के चेहरे खिला दिए, वहीं आम जनजीवन प्रभावित हुआ।
बारिश ने जहां लोगों की परेशानी बढ़ा दी है, वहीं गेहूं की खेती करने वाले किसानों के चेहरे पर मुस्कान लाई है। हल्की बारिश से रबी फसलों को फायदा मिलेगा। गेहूं को अभी पहली या फिर दूसरी सिंचाई की जरूरत थी. ऐसे में बारिश से गेहूं की फसल को फायदा हुआ। चना और मसूर सहित दलहनी फसलों पर इसका अच्छा प्रभाव पड़ेगा. सरसों, तीसी सहित तिलहनी फसलों को भी फायदा होगा.
बारिश से किसानों के चेहरे खिले उठे है। पहले ठंड और कोहरे का इंतजार के बाद अब बारिश होने से किसानों में छाई मायूसी खतम हुई है। धीमी धीमी बारिश किसानों की गेंहू की फसल के लिए फायदेमंद साबित होगी। गेहूं की फसल लगने के बाद पहली बार छेत्र में बारिश हुई है। बारिश ने किसानों को राहत प्रदान की है। नहर के और बोर से लगाए जा रहे पानी से गेहूं को इतना फायदा नहीं होता जितना बारिश के पानी से होगा। बारिश नही होने पर जहां फसल का उत्पादन कम होता वही ट्यूबबैल से पानी लगाने पर डीजल खरीद से लागत और बड़ जाती। किसान रमेश चौधरी, लल्लू चौधरी, अरबाज, प्यारेलाल आदि लोगों ने बताया की धीमी बारिश से फसल को ज्यादा फायदा होगा।पानी मिट्टी में सतह तक जाकर फसल को फायदा देगा। लेकिन अगर बारिश ज्यादा हुई तो लाही और आलू के लिए नुकसान हो सकता है । लाही और आलू की फसल तैयार है एक दो दिन में बारिश रुक गई तो नुकसान नहीं होगा।