कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर मखदुमपुर गंगा घाट पर आयोजित होने वाले चार दिवसीय गंगा मेले की तैयारी के मध्य नजर शनिवार को उप जिलाधिकारी अखिलेश यादव और पुलिस क्षेत्राधिकार आशीष शर्मा ने मेला स्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जरूरी दिशा निर्देश जारी करते हुए मिले स्थल पर चल रहे अस्थाई निर्माण कार्यों में तेजी लाते हुए मेला उद्घाटन से पूर्व पूरा किए जाने के अधिकारियों को निर्देश जारी किए।
कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले में भ्रष्टाचार की बू, बजट 49 लाख
– पुरानी अस्थाई सडकों के लिए नया बजट
– घाट और सडकों के लिए बजट 25 लाख
हस्तिनापुर कार्तिक पूणिमा के अवसर पर मकदूमपुर गंगा घाट पर आस्था का प्रतिक माने जाना वाला गंगा मेले में भ्रष्टाचार की बू नजर आने लगी है। जिला पंचायत के तत्वाधान में आयोजित होने वाले गंगा मेले का बजट कहने को 49 लाख है लेकिन ये राशि धरातल पर दूर दूर तक खर्च होती नजर नही आ रही। जिला पंचायत द्वारा अस्थार्इ्र संडकों पर 25 लाख रूपये का मोटा बजट खर्च किये जाने के बाद भी ठेकेदार पुरानी सडकों से ही काम चल रहा है। जिसके चलते मेले में आने वाले श्रद्वालुओं को परेशनी झेलनी पडेगी।
बता दे कि जिला पंचायत के तत्वाधान में मखदुमपुर गंगा घाट पर प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर आस्था के प्रति कहे जाने वाले गंगा मेले का आयोजन किया जाता है। मेरठ और आसपास के जनपद से आने वाले लाखों से डालो की आस्था को देखते हुए जिला पंचायत प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले पर लाखों रुपए का मोटा बजट खर्च करती है। और हर वर्ष मेले को भाव बनाने के दावे भी करती हैं। भ्रष्टाचार के चलते मेले में प्रतिवर्ष अवस्थाओं का बोलबाला रहता है और मेले में आने वाले हजारों श्रद्धालुओं को तमाम परेशानियां झेलनी पड़ती है।
मेला स्थल तक पहुचने के सडक पुरानी बजट नया
मेले में आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए मेरठ जनपद में एक मात्र आयोजित होने वाले गंगा मेले की अस्थाई सड़कों के साथ बैरिकेडिंग आदि पर ही जिला पंचायत इस बार 25 लाख का मोटा बजट खर्च करती नजर आ रही है लेकिन निर्माण अधीन कंपनी सड़क निर्माण पर खर्च होने वाले बजट को पूर्व वर्ष में आयोजित मेले के दौरान बनाई गई अस्थाई सड़कों पर ही खर्च करती नजर आ रही है।
3 किलोमीटर अस्थाई मार्ग का अधिकांश हिस्सा पुराना
मुख्य मेला स्थल तक जाने वाले अस्थाई मार्ग की बात करें तो लगभग 3 किलोमीटर लंबे अस्थाई मार्ग का अधिकांश शिक्षा पूर्व वर्ष में तैयार किया गया है। वर्तमान वर्ष मैं मार्ग का महज 10 फीसदी हिस्सा तैयार कर संपूर्ण मार्ग के भुगतान की तैयारी की जा रही है। मेले में अन्य अस्थाई निर्माण कार्यों का भी हाल इससे जुदा नहीं है। कार्तिक पूर्णिमा गंगा मेले का अधिकांश हिस्सा और मार्ग पहले से तैयार है जिला पंचायत द्वारा जारी 49 लाख रुपए का बजट का खर्च किया जा रहा लोगों के लिए रहस्य से कम नही।
क्या कहते है विभागिय अधिकारी
मेला जेई अभय सिंह का ब्यान भी मेले के बजट की तरह ही नजर आ रहा है। जेई अभय सिंह का कहना है कि उन्हे जानकारी नही कि मेले में किस कार्य पर कितना बजट खर्च किया जायेगा। जल्द ही जानकारी कर बताया जायेगा। वहीं मेले स्थल तक पहुचने के लिए बनाई जाने वाली सडक की लम्बाई की जानकारी भी उन्हे नही है। जबकि विभागिय अधिकारियों की माने तो मेले स्थल का तमाम बजट जेई अभय सिंह द्वारा बनाया गया। इसके बाद जेई का इस तरह का ब्यान एकदम हास्यपद ही नजर आ रहा है।